भारत और इज़राइल के बीच द्विपक्षीय संबंधों में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। विशेष रूप से व्यापार और निवेश के क्षेत्र में दोनों देशों ने कई अहम कदम उठाए हैं। India Israel FTA (Free Trade Agreement) इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो दोनों देशों के आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखता है।
India Israel FTA का उद्देश्य और महत्व
India Israel FTA का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक बाधाओं को कम करना और वस्तुओं एवं सेवाओं के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करना है। इस समझौते के तहत:
- आयात-निर्यात शुल्क में कटौती की जाएगी
- व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा
- कृषि, रक्षा, साइबर सुरक्षा, जल प्रबंधन और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा
FTA से भारतीय MSMEs को इज़राइली तकनीक से जोड़ने का अवसर मिलेगा, जिससे नवाचार और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।
पीयूष गोयल की तेल अवीव यात्रा और FTA की समीक्षा
भारत के वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने हाल ही में तेल अवीव की यात्रा की, जहाँ उन्होंने India Israel FTA की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने इज़राइली व्यापार मंत्री और प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने FTA को शीघ्र अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई।
यह यात्रा भारत-इज़राइल रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
संभावित आर्थिक प्रभाव
India Israel FTA के लागू होने से अनुमानित रूप से 800 मिलियन डॉलर के निवेश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे न केवल द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। यह समझौता भारत की ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों को भी मजबूती प्रदान करेगा।
✨ निष्कर्ष
India Israel FTA केवल एक व्यापारिक समझौता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है। यह दोनों देशों को वैश्विक मंच पर आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
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